पैट्रिक बेटमैन एक अमीर निवेश बैंकर है, जो अपने दोस्तों से अपना साइकोपैथिक इगो छुपाता है. हालांकि जब उसकी तर्कहीन कल्पनाएं बढ़ने लगती हैं, तब वह बेकाबू होने लगता है.पैट्रिक बेटमैन एक अमीर निवेश बैंकर है, जो अपने दोस्तों से अपना साइकोपैथिक इगो छुपाता है. हालांकि जब उसकी तर्कहीन कल्पनाएं बढ़ने लगती हैं, तब वह बेकाबू होने लगता है.पैट्रिक बेटमैन एक अमीर निवेश बैंकर है, जो अपने दोस्तों से अपना साइकोपैथिक इगो छुपाता है. हालांकि जब उसकी तर्कहीन कल्पनाएं बढ़ने लगती हैं, तब वह बेकाबू होने लगता है.